Butterfly
तुम्हारी यादों पे जमी धूल
साफ कैसे में करू...
समय रफ्तार से भाग रहा है...,
तुम्हारी यादों पे आकर क्यों मै रुक जाऊं...
मोहब्बत है अब भी तुझे से
या दिल को तसल्ली दे रहा हूं...
यादों के सहारे जीना नहीं आता मुझे...
फिर क्यों तेरे यादों पे आकर खो जाता हूं...
वाकिफ है ए दिल मेरा
तुम जा चुके हो दिल की दुनिया से
फिर भी
गुम हो जाता हूं तुम्हारी यादों में
जैसे तुम अभी भी साथ हो मेरे...
मुश्किल है इस दिल को समझना
दिमाग की बाते नहीं है मानता
सर्द रातों में , तेरी यादों में बैठा हूं...,
सत्रंज का खेल मुझे नहीं है आता...!
❤️