तेरे जाने के बाद
तेरे जाने के बाद
जिन्दगी को करीब से देखा
होती क्या है आशिकी ?
मैंने ये तुझसे मिलकर जाना..
नजर वहीं है, नजरिया बदल गया
बात सबसे होती है अंदाज बदल गया
जिंदगी वहीं है सलीका बदल दिया
तेरे जाने के बाद....
हसी मजाक में गुजर रही थी
ये आवारगी सी जिन्दगी मेरी
तेरे जाने के बाद
होती क्या है जिंदगी
खुदको खुद से मिलाकर बखूबी से जाना..
शुक्र है तेरा जो गई जिंदगी से मेरे
वाकिफ कराया खुद के कलम से
जाना एहमियत मेरे अल्फ़ाज़ की
तेरे जाने के बाद..
जा रही हो तो आना ना जिंदगी में फिर से
तुझसे बिछड़कर मिला हूं खुद से
होता क्या है दर्द बिछड़ने का जाना करीब से
तेरे जाने के बाद...
तेरे जाने के बाद
जिन्दगी को करीब से देखा
होती क्या है आशिकी ?
मैंने ये तुझसे मिलकर जाना..
नजर वहीं है, नजरिया बदल गया
बात सबसे होती है अंदाज बदल गया
जिंदगी वहीं है सलीका बदल दिया
तेरे जाने के बाद....
हसी मजाक में गुजर रही थी
ये आवारगी सी जिन्दगी मेरी
तेरे जाने के बाद
होती क्या है जिंदगी
खुदको खुद से मिलाकर बखूबी से जाना..
शुक्र है तेरा जो गई जिंदगी से मेरे
वाकिफ कराया खुद के कलम से
जाना एहमियत मेरे अल्फ़ाज़ की
तेरे जाने के बाद..
जा रही हो तो आना ना जिंदगी में फिर से
तुझसे बिछड़कर मिला हूं खुद से
होता क्या है दर्द बिछड़ने का जाना करीब से
तेरे जाने के बाद...
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बहुत ही सुन्दर सृजन
ReplyDeleteसादर