Friday, November 1, 2019

शरारत

शरारत जिंदगी ने की
खुद से जुदा होकर
मोहब्बत तुझसे की...
क्या यही खता है मेरी..,
वफा तुझसे करके , बेवफाई खुद से की...

चाहते है तुझे इस क़दर
जैसे चांद छिपा हो आसमां के भीतर
हम आए आपसे मिलने छत के ऊपर...

ना लोगो का है डर..,
ना समाज की है परवाह..
मोहब्बत तुझसे की है जानेमन
और तुम ही हो मेरी शायरा..

शायर की शायरी कभी खत्म नहीं होती
कभी शायारा किसी शायर की नहीं होती...
सिर्फ ख्वाबो में होती है शायर की प्यारी शायरा
हमे हकीकत में जीने की आदत नहीं होती...


Incomplete Love is alway Great Relationship..


Love ♥️


4 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(०३ -११ -२०१९ ) को "कुलीन तंत्र की ओर बढ़ता भारत "(चर्चा अंक -३५०८ ) पर भी होगी।
    मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

    ReplyDelete
  2. वाह ...,,सुंदर शब्दों का जाल बुन दिया

    ReplyDelete

Happy Rakshabandhan Tai

 जगाचं ठाऊक नाही पण  मला मोठा आधार आहे. पाठिंबा नको कुणा दुसऱ्याच... पाठीशी मोठ्या बहिणींचा हाथ आहे.. ताई म्हणुनी कुटुंबात जन्माला अस्सल ते ...