बर्ताव बुरा है मेरा
क्षमा आपसे सभी से चाहता हू
सुकून मुझे जिस कार्य से मिले
उसके अलावा ना मै कुछ सोचता हू...
बाते कड़वी है
पर जहर कभी न बनती है...
सबक दुनिया से लेकर
सीख रहा हू अंदाज़ में जीने का
क्या फर्क है मुझमें और जमाने में...
मै बाते कड़वी करके बुरा बनता हू...
लोग बाते उछालकर अच्छा बनते है...
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Life |
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 21 सितंबर 2020) को 'दीन-ईमान के चोंचले मत करो' (चर्चा अंक-3831) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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-रवीन्द्र सिंह यादव
सबक दुनिया से लेकर
ReplyDeleteसीख रहा हू अंदाज़ में जीने का
क्या फर्क है मुझमें और जमाने में
मै बाते कड़वी करके बुरा बनता हू
लोग बाते उछालकर अच्छा बनते है
बेहतरीन रचना!!!
हार्दिक बधाई!!!
Thanks To All 🙏❤️
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