साथ मेरे
खुश था मै हर वक़्त
खुशी थी साथ मेरे
ठहरी ना ज्यादा देर लबो पे मेरे
ग़म किं क्या औकात
जो रहेगा हरपल मेरे साथ...
समय गुजर जाता है
गुजर जाता है जमाना
गुरूर था जिस इश्क पे
छोड़ गया मुझे अकेला
ग़म की क्या औकात
जो रहेगा हरपल मेरे साथ...
अरसो बाद गुजरेगी सामने से मेरे
नजर अंदाज करेगे हम भी
हमे देखकर तू मुस्कुराएगी
हसी ना आएगी होठों पे मेरे,
ग़म की क्या औकात
जो रहेगा हरपल मेरे साथ...
Nothing is permanent in the Life😊
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