हवाएं
शाम की हवा चली इस कदर,
सीने से लगकर, दिल छू गई,
पता है तू नहीं आसपास
लेकिन हवाओं मै अपनी सादगी छोड़ गई...
तू नहीं साथ पर खयाल तेरा ही है
गुजरी हवा...,पास से मेरे
जैसे पैग़ाम हो तेरे हाल ए दिल का
और दे गई अफसाना तेरे जिंदगी का...
हल्की सी आवाज आयी
दिल छूकर जज़्बात ले गई
खामोश था.., मै कुछ पल यादों में तेरे
जख्मो पे मरहम लगा ही रहे थे
और आप हवाओं से कहकर
नया जख्म यादों की तरह दे गए...
Every moment giving you best time of life ..but..,just think about it♥️😊
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