Friday, October 4, 2019

तकलीफ़

तकलीफ़

चलो अच्छा है इस इंतजार में
तकलीफ़ तो कम होगी
याद तो आओगे
बेचैनी कम होगी...

तेरा शहर अलग है लेकिन
मेरी मंजिल तू है
तेरी राते उसके बाहों में गुजरती है
पर तेरी यादें मेरे तकिए के नीचे सोती है..

एहसास नहीं है तुझको
कितना रोता हूं याद में तेरी
रात छोटी लगती है
आसुओं की बौछार में
बहती रहती है ये आंखे मेरी
न जाने कब से समाए रखे थे आसू

तकलीफ़ होती है मुझे
हाल ए दिल बयाह करके
मेरे कविताओं का क्या कसूर
जिसमे इश्क़ के दास्तां हमारी और
जुदाई ए गुम मेरी
बायाह करता है....


Love is Definition of War, Feelings, Emotions,etc



4 comments:



  1. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (0५ -१०-२०१९ ) को "क़ुदरत की कहानी "(चर्चा अंक- ३४७४) पर भी होगी।
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  2. जी बेहतरीन/उम्दा सृजन दर्द के एहसास लिए।

    ReplyDelete

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