ये मेरी शब्दों की दुनिया है यारो
क्यों शब्दों का अर्थ ढूंढ़ते हो
क्यों अपने मखमल की जिंदगी उजाड़ना चाहते हो
तुम्हारी जिंदगी बिखर जाएगी..
इन्हें सिर्फ शब्द ही रहने दो यारो
वरना तुम्हे तुम्हारी मोहब्बत याद आ जाएगी...
ये सिर्फ शब्द नहीं है
जिसे आप कविता समझकर पढ़ जाओ..,
मोहब्बत है मेरी..,
जिससे की है, ओ अनजान है...
और सारे जहां में खबर है कि
हम आपके दीवाने है...
जी हा हम आपके दीवाने तो है , आवारा नहीं
तुम्हे हमारा मोह नहीं, और हमें जिस्म का
सौदागर है हम इश्क़ के
चाहने से नहीं मिलेगे
बंजारे है हम इश्क़ के
इश्क़ के बाजार में ही मिलेंगे...
क्यों शब्दों का अर्थ ढूंढ़ते हो
क्यों अपने मखमल की जिंदगी उजाड़ना चाहते हो
तुम्हारी जिंदगी बिखर जाएगी..
इन्हें सिर्फ शब्द ही रहने दो यारो
वरना तुम्हे तुम्हारी मोहब्बत याद आ जाएगी...
ये सिर्फ शब्द नहीं है
जिसे आप कविता समझकर पढ़ जाओ..,
मोहब्बत है मेरी..,
जिससे की है, ओ अनजान है...
और सारे जहां में खबर है कि
हम आपके दीवाने है...
जी हा हम आपके दीवाने तो है , आवारा नहीं
तुम्हे हमारा मोह नहीं, और हमें जिस्म का
सौदागर है हम इश्क़ के
चाहने से नहीं मिलेगे
बंजारे है हम इश्क़ के
इश्क़ के बाजार में ही मिलेंगे...
No comments:
Post a Comment