यादों पे जमी धूल ही तो मीठा रहा हूं
वरना मोहब्बत थी तुझसे
कब का भूल गया होता..
ये तेरी यादे ही तो है..
जिस महखाने में हम जिंदा...
वरना, आशियाना कब का बिखर चुका होता..
यादों के महखाने में
इश्क़ का आशियाना अब भी रहता है..
बस तुम जुदा हुए हो...
My life Story
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