छुट्टी
खुदा का करिश्मा कहूं
या कहूं मैं कुदरत कहर....
मां को जन्म देकर चमत्कार अच्छा किया
फिर क्यों उसे छुट्टी न देकर जुल्म है तूने किया...
खुदा भी खुद हैरान है
खुदा ने मां को जन्म दिया
जुल्म देकर मां को ...
एक प्यारा सा आशियाना मां के दिल में बनाया ...
मां खुदा की बच्ची है ..,
या खुदा मां का वारिश है...
दोनो जुदा है एक दूसरे से लेकिन
फिर भी एक एहसास जिंदा है...
मां तू सच में खुदा का बहुत बड़ा करिश्मा है
मां तुझसे बेहतर ना कोई है..,ना कोई खुदा बड़ा है..
हसी चेहरे की कभी कम न होती...
परेशानियों में भी हरदम मुस्कुराती है रहती...
छुपाती है अपना हर दर्द बच्चो से...
बच्चो के आंखों में आसूं कभी देख नही पाती...
अपने ख्वाहिशों को दबाए है रखती...
बच्चो के सपनो को पूरा है करती...,
देखकर बच्चो की कामयाबी...
अपने सपनो को बड़े नादानी से है भूल जाती...
जालिम तो न होगा मेरा खुदा..
जमाने के भीड़ में खुदा भी गुमशुदा होगा...
हाल देखने आया होगा अपने बेटी का
( सभी मां का,)
मां बच्चो का प्यार देखकर ...
खुदा भी ऊपर जाना भूल गया होगा...
"Mother's Never Off Duty"
☺️