Saturday, August 17, 2019

हमसफ़र

प्यार से शुरू करे
उस अजनबी हमसफ़र की दास्ता
अनजान थे जिस अजनबी से
ओ सुबह की सोच, रात का ख्याल है

ये सफ़र अनजान था
 तुमसे मिलने के पहले
तुमने सफ़र को पहचान दी
मुझे साथी चुन के....

साथ तुम्हारे सफ़र नजदीक हो गया
समय कटा इस तरह
जैसे सुबह का भुला
शाम को घर लौट आया...


अनजान सफ़र में मिला हुआ अजनबी हमसफ़र कुछ मीठी यादे दे जाता है...😊♥️


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