वंदनीय है वह चरण
जिन्होंने जन्म मुझे है दिया...
बहुत दुख सहे है उस माता ने...
तब जाकर अनमोल चरण है पाया...🙏
खुशनसीब हूं मै जिसे
गोद मा की है मिली...,
वंदनीय है मेरी मां
जिन्होंने जन्म मुझे है दिया...😊
जगाचं ठाऊक नाही पण मला मोठा आधार आहे. पाठिंबा नको कुणा दुसऱ्याच... पाठीशी मोठ्या बहिणींचा हाथ आहे.. ताई म्हणुनी कुटुंबात जन्माला अस्सल ते ...
Awesome dear.....
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (04 मई 2020) को 'ममता की मूरत माता' (चर्चा अंक-3698) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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रवीन्द्र सिंह यादव
परम वन्दनीय है ... पल पल वन्दनीय है माँ तो ...
ReplyDeleteसुन्दर रचना ...
अच्छी कविता ! सुन्दर भाव ! --ब्रजेंद्र नाथ
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन
ReplyDeleteसादर
माँ को सत सत नमन ,हृदयस्पर्शी सृजन ,सादर नमन
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